बुखार में दवा नहीं, यह तरीका अपनाएं - वरना नुकसान हो सकता है जानलेवा! Fever Will Go Down Without Medicine-Lower Leg Hot Water Immersion

Fever Will Go Down Without Medicine-Lower Leg Hot Immersion

बुखार में दवा नहीं, यह तरीका अपनाएं - वरना नुकसान हो सकता है जानलेवा! 

आजकल की तेज़ ज़िंदगी में जब भी किसी को बुखार आता है, लोग बिना सोचे-समझे पैरासिटामोल या कोई भी एंटीबायोटिक गोली खा लेते हैं। यह सोचकर कि बुखार जल्दी ठीक हो जाएगा और वह अपने काम पर वापस लौट सकेंगे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बुखार आना एक समस्या नहीं, बल्कि शरीर का एक समाधान है?

जी हाँ! बुखार कोई बीमारी नहीं है, बल्कि शरीर की एक नेचुरल रिएक्शन है जिससे वह खुद को संक्रमण (इंफेक्शन) से बचाता है। ऐसे में बुखार को दवा से तुरंत दबा देना शरीर के लिए फायदेमंद नहीं बल्कि नुकसानदायक हो सकता है।

फीवर आपके शरीर का दोस्त है, दुश्मन नहीं (Fever is your body's friend, not your enemy)

जब कोई बैक्टीरिया, वायरस या कोई अन्य संक्रमण शरीर में प्रवेश करता है, तो शरीर का इम्यून सिस्टम उसे पहचान लेता है और लड़ाई शुरू करता है। इस लड़ाई में शरीर का तापमान बढ़ा दिया जाता है - यानी फीवर आता है।

बढ़ा हुआ तापमान वायरस और बैक्टीरिया को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर उन्हें जल्दी खत्म कर सकता है। इसी वजह से वैज्ञानिक मानते हैं कि बुखार शरीर के डिफेंस सिस्टम का हिस्सा है, जिसे जबरन दवा से दबाना गलत है।

बुखार की दवाएं क्यों हो सकती हैं खतरनाक?(Why can fever medicines be dangerous?)

जब हम बुखार में तुरंत दवा लेते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे शरीर ठीक हो गया है। तापमान कम हो जाता है, पसीना आ जाता है और हमें राहत महसूस होती है। लेकिन हकीकत इससे बिलकुल अलग होती है।

अंदर छुपा होता है खतरा(The danger lurks inside)

बुखार की दवा लेने से शरीर का तापमान तो नीचे चला जाता है, लेकिन जो वायरस या बैक्टीरिया अंदर था, वो मरा नहीं होता। वह शरीर में मौजूद रहता है और धीरे-धीरे दोबारा अपना असर दिखाता है। यही कारण है कि बुखार बार-बार आता है और लंबे समय तक बना रहता है।

दवाओं के साइड इफेक्ट्स - लिवर, किडनी और आँतों पर सीधा असर

कई क्लीनिकल रिसर्च और मेडिकल स्टडीज़ में यह बात सामने आ चुकी है कि बुखार की दवाएं - जैसे पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक या अन्य बुखार कम करने वाली दवाएं - शरीर के कई अंगों पर गंभीर असर डालती हैं।

लिवर और किडनी पर प्रभाव:

  • पैरासिटामोल का अधिक इस्तेमाल लिवर डैमेज की बड़ी वजह बन सकता है।
  • लगातार बुखार की दवाएं लेने से किडनी पर भी लोड पड़ता है और समय के साथ उनकी कार्यक्षमता कम हो सकती है।

आँतों के बैक्टीरिया भी मर जाते हैं:

  • एंटीबायोटिक दवाएं सिर्फ हानिकारक बैक्टीरिया ही नहीं मारतीं, बल्कि हमारे पेट की “गुड बैक्टीरिया” यानी अच्छे बैक्टीरिया को भी खत्म कर देती हैं।
  • इससे पाचन क्रिया बिगड़ जाती है, कब्ज, गैस, एसिडिटी और IBS जैसी परेशानियां जन्म लेती हैं।

प्राकतिक तरीका - घर पर ही करें बुखार का इलाज(Natural way - Treat fever at home)

जब बुखार शरीर का नेचुरल रिएक्शन है, तो इसका समाधान भी नेचुरल ही होना चाहिए। एक ऐसी तकनीक जो पूरी तरह सुरक्षित है, बिना किसी दवा के काम करती है, और बुखार को प्राकृतिक तरीके से ठीक करती है — उसे कहते हैं:

Lower Leg Hot Water Immersion (पैरों को गरम पानी में डालना)

इस तकनीक को अपनाकर आप बुखार को दवा लिए बिना भी नियंत्रित कर सकते हैं और शरीर को आराम पहुंचा सकते हैं। आइए जानें कैसे करें यह प्रक्रिया:

क्या करना है?

  1. एक बड़ी बाल्टी में पानी गर्म करें (रॉड या हीटर की मदद से)।
  2. एक दूसरी बाल्टी में पानी को इतना गर्म रखें कि उसका तापमान लगभग 42°C हो।
  3. अपने दोनों पैरों को इस बाल्टी में डालें और करीब 30 मिनट तक ऐसे ही बैठें
  4. शुरू में पानी ज्यादा गर्म लग सकता है, इसलिए आप शुरुआत में तापमान 38–39°C भी रख सकते हैं।
  5. धीरे-धीरे शरीर को इसकी आदत हो जाएगी और आप आराम से इसे कर पाएंगे।

पानी का तापमान आप वाटर थर्मामीटर की मदद से चेक कर सकते हैं। यदि नहीं है, तो अंदाज से भी कर सकते हैं, लेकिन सावधानी जरूर रखें।

यह तरीका इतना असरदार क्यों है?

  • जब आप पैरों को गरम पानी में डालते हैं, तो शरीर में गर्मी बढ़ती है।
  • इससे शरीर को वायरस से लड़ने में मदद मिलती है।
  • पसीना आना शुरू होता है, जिससे शरीर का टॉक्सिन बाहर निकलने लगता है।
  • बुखार धीरे-धीरे खुद ही सामान्य हो जाता है - बिना किसी साइड इफेक्ट के।

अस्पतालों में क्यों नहीं इस्तेमाल होता यह तरीका?

अब सवाल उठता है कि अगर यह तकनीक इतनी असरदार है, तो इसे अस्पतालों में क्यों नहीं अपनाया जाता? इसका जवाब सीधा है  पैसा

इस प्रक्रिया से किसी भी कंपनी या अस्पताल को कोई फायदा नहीं होता। कोई दवा नहीं बिकती, कोई टेस्ट नहीं होता, कोई महंगी मशीन की ज़रूरत नहीं। मतलब मुनाफा शून्य। इसलिए इसे नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। लेकिन असली सच यह है कि:

हर कोई इसे अपने घर पर बिल्कुल मुफ्त और सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल कर सकता है।

तो बुखार में क्या करें और क्या नहीं?

करना चाहिए (DOs)         नहीं करना चाहिए (DON’Ts)
गरम पानी में पैरों को डुबोकर रखें             तुरंत दवा खाएं
आराम करें, भरपूर नींद लें              भारी भोजन, ठंडी चीज़ें या                              ठंड पानी
खट्टे फलों का जूस और नारियल पानी              जंक फूड या भारी भोजन

             
निष्कर्ष (Conclusion):

बुखार कोई दुश्मन नहीं है जिसे मारने के लिए तुरंत गोली ली जाए। यह शरीर का एक सुरक्षा कवच है, जिससे वह खुद को संक्रमण से बचाता है। दवाओं से इसे दबाने की बजाय अगर हम प्राकृतिक तरीकों का सहारा लें — जैसे कि गरम पानी में पैर डुबोना - तो न सिर्फ बुखार जल्दी ठीक होता है, बल्कि शरीर को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता।

अब अगली बार जब बुखार आये, तो डरें नहीं - समझें और शरीर की मदद करें। क्योंकि आपका शरीर आपकी सबसे बड़ी दवा है।

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अस्वीकरण- हमारे पृष्ठों की सामग्री केवल सामान्य जानकारी के लिए प्रदान की जाती है यह किसी भी तरह से विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है इसलिए आपको इस जानकारी के आधार पर किसी कार्रवाई को लेने से पहले प्रासंगिक पेशेवर या विशेषज्ञ की सलाह प्राप्त करनी होगी

Himanshu Yadav

He is certified medical nutritionist from Lincoln University Malaysia. He also worked for hospital and healthcare in radiology department. At hospital he observed that the doctors do not recommend diet and lifestyle modification even in simple diseases, that bring author to understand Nutrition, Natural science and Ayurvedic science. He loves to read and write about health and wellness. He is also passionate to treat diseases with out harmful drugs.

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